शादी में आ रही है तलाक की नौबत? तो तीज के शुभ प्रभाव से दूर होगी समस्या

तीज का पर्व सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद माना जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार पौराणिक काल से ही दांपत्य जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए तीज व्रत का पालन एवं इस दिन होने वाले अनुष्ठानों को किया जाता रहा है और आज भी इस पर्व की महत्ता विशेष है. जो विवाह जीवन में आने वाली हर प्रकार की समस्याओं से मुक्ति दिलाने वाली होती है. तीज एक ऎसा मांगलिक उत्सव है जो वैवाहिक जीवन में जोड़ों के मध्य रिश्ते को मजबूत करता है. 


विवाह एक ऎसा रिश्ता है जिसे सात जन्मों का साथ माना गया है. लेकिन कई बार जीवन में कुछ ऎसे पड़ाव आते चले जाते हैं जिनके कारण वैवाहिक जीवन में लगातार झगड़े और आपसी अनबन इतनी बढ़ जाती है कि एक छत के नीचे रह पाना दोनों के लिए ही बहुत मुश्किल होता है तब ऎसे में जीवन में आए इस संकट से बचने के लिए अगर कुछ कार्यों को कर लिया जाए तो इस परेशानी से बचाव भी संभव है. इन सभी परेशानियों को दूर करने में तीज का उत्सव सुखद कदमों की आहट को सुनाता है. 




कुंडली में तलाक के कारण 


समाज में होने वाले बदलावों के साथ हमारे जीवन में भी कई ऎसे बदलाव होते हैं जिसके कारण आज के समय वैवाहिक जीवन में आपसी संबंध भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाए हैं. शादी विवाह में अगर तलाक या अलगाव  जैसी परेशानियां जब रिश्ते में आने लगती हैं तो यह एक बेहद ही कठोर और चिंता देने वाला समय बन जाता है. तलाक या शादी में अलगाव की स्थिति किसी भी कारण से उभर सकती है. 


इसमें आपसी मतभेद, अपनी-अपनी जीवन शैली, विचार, रहन सहन, परिवार जनों का हस्तक्षेप, पार्ट्नर की गलत आदतें जैसी बातें कई छोटी या बड़ी बातें शामिल हो सकती हैं. यह बातें तलाक और अलगाव के लिए जिम्मेदार हो सकती है. तलाक की वजह चाहे कोई भी हो लेकिन इसका रहस्य जन्म कुंडली में ही छिपा होता है और जिसे सुलझा कर हम इस तरह की समस्या से दूर रहते हुए सुखी वैवाहिक जीवन जी सकते हैं. 


वैवाहिक जीवन की समस्याओं को ज्योतिष से पहचानें

विवाह में तलाक जैसी स्थिति आखिर किन कारणों से उभरी इसके लिए जन्म कुंडली की जांच करना जरूरी है. इस के अलावा दोनों लोगों के मध्य एक ऎसे व्यक्ति का होना भी जरुरी है जो निष्पक्ष रूप से दोनों का साथ देने वाला हो, एक योग्य ज्योतिषी इस भूमिका में सबसे अधिक उपयुक्त व्यक्ति होता है क्योंकि वह जानता है कि कुंडली में वो कौन से योग बने, और कौन सी दशा गोचर की स्थिति ऐसी बन रही है की अलगाव तलाक तक पहुंच सकता है. 


इन बातों को जान समझ कर तलाक और अलगाव होने को रोक पाना संभव होता है. लेकिन अगर दोनों लोगों की रजामंदी इस तरह से नहीं मिल पाती है तब उस स्थिति में अकेला साथी भी ज्योतिष द्वारा बताई गई सलाह और उपायों से अपने टूटते घर को बचा सकता है. इसी में विशेष भूमिका आती है हमारे द्वारा किए जाने वाले उन खास उपायों की जो हम स्वयं भी अगर कर लेते हैं तो रिश्ते को तलाक और अलगाव जैसी परिस्थिति से अपने जीवन को बचाया जा सकता है. 


सावन तीज के दिन पूजा एवं अनुष्ठान रोक सकते हैं वैवाहिक जीवन का तनाव 


तीज का पर्व इसी में एक विशेष उपाय है जो जीवन की इन उलझनों को दूर करने में बहुत सहायक होता है. यह न केवल रिश्ते को टूटने से बचाता है बल्कि ऎसे रिश्ते देता है जो जीवन भर साथ निभाते हैं. इसी कारण कुंवारी कन्याएं जब “योग्य वर” की कामना करती हैं तो उनके लिए तीज का दिन बेहद विशेष होता है. 


तीज का पर्व है देवी पार्वती और महादेव के प्रेम विवाह का गवाह 


शिव पुराण एवं अन्य कथाओं में इस बात का उल्लेख प्राप्त होता है की जब माता पार्वती ने अपने विवाह के लिए योग्य वर के रूप में भगवान शिव को पति बनाने की कामना रखी तब उनकी तपस्या और उनकी कठोर व्रत साथना में तीज व्रत  का दिन भी गवाह बना. सावन माह की तृतीया तिथि के दिन ही महादेव ने देवी पार्वती को अपनी जीवन संगिनी बनने का वचन दिया था. इसी कारण से जो भी कन्या अपने लिए मनपसंद वर की इच्छा रखती है वह तीज के दिन यदि देवी पार्वती और महादेव का विधि विधान के साथ पूजन करती हैं तो उनकी कामना जरूर पूरी होती है.  


तीज की पूजा का फल व्यक्ति को तभी प्राप्त होता है जब सभी नियमों का पालन करते हुए पूजन किया जाए. सावन तीज पर अगर सही तरह से उचित रूप में एक योग्य ज्योतिषी के सहयोग द्वारा पूजा अनुष्ठानों के कार्यों को किया जाता है तो वैवाहिक जीवन में आने वाली हर प्रकार की संभावित परेशानियों से बचा जा सकता है.

Source Url: https://medium.com/@latemarriage/shaadi-mein-aa-rahi-hai-talaak-ki-naubat-to-teej-ke-shubh-prabhav-se-door-hogi-samasya-a169b338b41a


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