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Showing posts from August, 2024

शादी में आ रही है तलाक की नौबत? तो तीज के शुभ प्रभाव से दूर होगी समस्या

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तीज का पर्व सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद माना जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार पौराणिक काल से ही दांपत्य जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए तीज व्रत का पालन एवं इस दिन होने वाले अनुष्ठानों को किया जाता रहा है और आज भी इस पर्व की महत्ता विशेष है. जो विवाह जीवन में आने वाली हर प्रकार की समस्याओं से मुक्ति दिलाने वाली होती है. तीज एक ऎसा मांगलिक उत्सव है जो वैवाहिक जीवन में जोड़ों के मध्य रिश्ते को मजबूत करता है.  विवाह एक ऎसा रिश्ता है जिसे सात जन्मों का साथ माना गया है. लेकिन कई बार जीवन में कुछ ऎसे पड़ाव आते चले जाते हैं जिनके कारण वैवाहिक जीवन में लगातार झगड़े और आपसी अनबन इतनी बढ़ जाती है कि एक छत के नीचे रह पाना दोनों के लिए ही बहुत मुश्किल होता है तब ऎसे में जीवन में आए इस संकट से बचने के लिए अगर कुछ कार्यों को कर लिया जाए तो इस परेशानी से बचाव भी संभव है. इन सभी परेशानियों को दूर करने में तीज का उत्सव सुखद कदमों की आहट को सुनाता है.  कुंडली में तलाक के कारण  समाज में होने वाले बदलावों के साथ हमारे जीवन में भी कई ऎसे बदलाव होते हैं जिसके कारण आज के समय वैवाहिक जीवन में आपसी संब

हरियाली तीज बनाती है जल्द शादी होने का योग

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तीज का त्यौहार विवाह सुख की कामना के साथ साथ वैवाहिक जीवन को खुशियों से भर देने वाला समय होता है. तीज का उत्सव जीवन की अनेक समस्याओं को समाप्त कर देने वाला दिन होता है. अगर किसी का विवाह नहीं हो पा रहा है, लाख कोशिशों के बाद भी एक अच्छा रिश्ता मिल पाना बेहद ही मुश्किल लग रहा है, या अन्य किसी कारण से विवाह में देरी हो रही है तो इस तरह की समस्या से बाहर आने के लिए तीज का दिन बेहद विशेष माना गया है. तो चलिए जान लेते हैं की आखिर कैसे तीज का पर्व हमारे जीवन में आए इस संकट को दूर करता है और कैसे "विवाह में विलंब के योग" बन जाते हैं शीघ्र विवाह के योग में. तीज : कुंडली में विवाह भाव को बनाती है मजबूत तीज का पर्व जन्म कुंडली में उन भावों को मजबूत करता है जो हमें विवाह के सुखों को देने वाले होते हैं. अब मन में यह प्रश्न आना स्वाभाविक है कि आखिर ये कैसे हमारी जन्म कुंडली के उन भावों को शुभ बना सकता है जिसके कारण हमें परेशानी उठानी पड़ रही है तो इसका उत्तर हमारे शास्त्रों में ही छुपा हुआ है जिसे हम यहां आपके साथ साझा करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे आप भी अपने विवाह से संबंधित क

रेवती नक्षत्र: करियर में हैं बेहतर संभावनाएं लेकिन गंडमूल का प्रभाव दे सकता है चुनौतियां

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  नक्षत्रों की अंतिम कड़ी रेवती नक्षत्र पर आकर समाप्त होती है , लेकिन यह समाप्ति नहीं बली एक नई शुरुआत की सूचक है . करियर ज्योतिष में रेवती नक्षत्र गंडमूल नक्षत्र का प्रभाव पाता है . इस नक्षत्र में जन्मा जातक अपने करियर में वह कर पाता है जो जन सामान्य के मध्य उनकी प्रसिद्धि और तरक्की का स्थान निर्धारित करता है . इस नक्षत्र में कार्यक्षेत्र की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि यहां बुध का असर फलीभूत होता है जो एक ऎसा ग्रह जहां भी जिस भी क्षेत्र में जुड़ता है उसमें ढल जाने की योग्यता रखता है . तो चलिये फिर देख लेते हैं कि आखिर इस नक्षत्र में जन्मे होने पर कौन कौन से कामों में व्यक्ति रह सकता है आगे और करियर चयन में कैसे मिलती है सफलता . करियर नक्षत्र ज्योतिष में रेवती गंडमूल नक्षत्र होकर भी कोमल नक्षत्रों की श्रेणी में आता है . इस नक्षत्र के ग्रह स्वामी बुध हैं , रेवती नक्षत्र के राशि स्वामी गुरु हैं क्योंकि इस नक्षत्र के सभी चरण मीन राशि